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हनुमान जयंती : जानिए हनुमान जयंती क्यों मनाया जाता ?

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आज हनुमान जयंती :  क्यों मनाया जाता ?

प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त श्री हनुमा का जनमोत्स्व आज दिनांक 24 अप्रैल को मनायी जाएगी। हनुमान जयंती हर साल चैत्र मास के पूर्णिमा तिथि को मनायी जाती है। कथाओ के अनुसार हर साल रामनवमी के 6 दिन बाद ही हनुमान जयंती का उत्सव मनाया जाता है। यह तिथियों का संयोग नहीं है, बल्कि ऐसा मानना है कि श्रीराम लाल के जन्म के छह दिन बाद ही पवन पुत्र हनुमान जी का भी जन्म लेना हुआ है। इस बार भी 17 अप्रैल 2024 को राम जन्मोत्सव मनाया गया इसलिए राम नवमी के 6 दिन वाद अर्थात 23 अप्रैल को हनुमान जयंती मनायी जा रही है।

हनुमान जी के अवतार का अस्तित्त्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि, विष्णु के सातवे अवतार श्री राम का जन्म धरती पर असुरो के संहार करने के लिए हुआ था। शिव जी प्रभु राम के धरती लोक पर आने से चिंतित हो गए. जिसके कारण रामजी की सहायता के लिए उन्होंने खुद 11वें रुद्रावतार में श्रीराम चंद्र के छह दिन बाद हनुमान जी के रूप में धरती पर जन्म लिया। इसलिए श्री हनुमान जीवन पर्यन्त प्रभु राम के सेवा में लगे रहे। कलियुग में ऐसी मान्यता है कि आज तक श्री हनुमान ही एक मात्र जीवित एवं साक्षात देवता है जो ध्यान मग्न है।

हनुमान जी की सबसे प्रसिद्ध मंदिर -संकट मोचन, वाराणसी

यूं तो भारत में हनुमान जी की अनेको मंदिरे है, परन्तु वाराणसी में तुलसीदास द्वारा निर्मति संकटमोचन मंदिर हनुमान जी की सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। प्रति वर्ष यहाँ हनुमान जयंती को बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। हनुमान जयंती के उपलक्ष में यहाँ संकट मोचन संगीत समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसमे अपने देश के गायन और वादन क्षेत्र के नामी गिरामी शास्त्रीय कलाकार आते है।

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